त्रिवेणी संगम में असम के मुख्यमंत्री ने की आस्था की डुबकी
त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
महाकुंभ नगर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज परिवार सहित तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई और महाकुंभ 2025 को भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की महानतम अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने इस आध्यात्मिक अनुभव को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि कुंभ में स्नान करना बहुत बड़ा सौभाग्य है। परमात्मा को कोटि-कोटि आभार कि उन्होंने मुझे यह पावन अवसर दिया।
महाकुंभ में अपने प्रवास के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुशलता के साथ मेला प्रबंधन किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरे प्रशासन को मैं धन्यवाद देता हूं। उनके नेतृत्व में महाकुंभ 2025 ऐतिहासिक और दिव्य बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत की सभ्यता और संस्कृति पुनः अपने विराट स्वरूप में उभर रही है।
महाकुंभ में अपनी आध्यात्मिक अनुभूति को साझा करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि त्रिवेणी संगम केवल नदियों का संगम नहीं, बल्कि करोड़ों सनातनियों की आस्था, अध्यात्म और विरासत का महासंगम है। जब तक सूरज-चांद रहेगा, तब तक सनातन धर्म रहेगा।
योगी सरकार को मिला कुशल आयोजन का श्रेय, महाकुंभ बना आध्यात्मिक चेतना का केंद्र
उन्होंने महाकुंभ को मानव और महादेव के बीच एक दिव्य सेतु बताते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की अमरता का प्रतीक है। यह आयोजन सिद्ध करता है कि सनातन केवल अतीत ही नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य भी है।
महाकुंभ 2025 में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति का भव्य प्रदर्शन हो रहा है। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह आयोजन विश्व को भारतीय सभ्यता के गौरवशाली स्वरूप से परिचित कराने का सबसे बड़ा माध्यम है। यह सनातन परंपरा को और अधिक सशक्त बनाता है तथा भारत को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है।
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