त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे हरित ऊर्जा के सतत उपयोग हेतु प्रतिबद्ध है एवं इसको एक मिशन के रूप मे लिया है। NCR ने हरित ऊर्जा की दिशा में प्रगति करते हुए इसके कार्यालय भवनों को शून्य और शून्य प्लस प्रमाणीकरण हेतु एक विस्तृत योजना तैयार की है।
इस योजना के अंतर्गत उत्तर मध्य रेलवे के सभी भवनों में ऊर्जा की कुल खपत का आकलन करके, उन्नत विश्व स्तरीय तकनीकों से ऊर्जा के खपत मे कमी लाकर तथा सौर ऊर्जा पैनल द्वारा उतना ही अथवा उससे अधिक ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। जिससे यह भवन अपनी ऊर्जा खपत के बराबर स्वयं ही सौर पैनलों के माध्यम से उत्पादन कर लेता है और किसी बाहरी स्त्रोत से ऊर्जा की आवश्यकता नहीं रहती तथा यह भवन शून्य और शून्य प्लस प्रमाणित हो जाता है। यह प्रमाणपत्र भारत सरकार द्वारा नामित ऊर्जा संरक्षण ब्यूरो के एक्रेडिटिड एनर्जी ऑडिटर द्वारा पूरे भवन का ऊर्जा ऑडिट करके जारी किया जाता है। इन भवनों में प्रयागराज मण्डल के विद्युत लोको शेड कानपुर के प्रगति, योजना व अनुसंधान कार्यालय, सब-स्टेशन, कर्षण डिपो तथा टाइम ऑफिस एवं स्टोर डिपो के भवनों को दिनांक 12.02.2025 को जारी किया गया है।
इसके पूर्व महाप्रबंधक कार्यालय के तीन भवनो में से “गंगा” तथा “पावरहाउस” भवनों को शून्य प्लस और सरस्वती भवन को शून्य प्रमाणपत्र हेतु चुना गया था। इसके अतिरिक्त तीन अन्य भवनों की प्रमाणीकरण की प्रक्रिया चल रही है। जिसमे धौलपुर का यात्री टिकट आरक्षण कार्यालय, पर्यवेक्षक प्रशिक्षण केंद्र/वैगन मरम्मत कारखाना झांसी तथा पार्सल कार्यालय अलीगढ़ सम्मिलित किए गए हैं।
उत्तर मध्य रेलवे हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक आयाम और लेने जा रहा है जिसमें 17.84 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र पूरे उत्तर मध्य रेलवे के तीनो मंडलो में स्थापित किये जाने है, जिसका लक्ष्य रेलवे बोर्ड द्वारा जून-2025 रखा गया है। जिससे सालाना 32.3 मिलियन यूनिट सस्ती एवम पर्यावरण अनुकूल बिजली उत्तपन्न होगी तथा सालाना रु. 14.9 करोड़ के राजस्व की बचत होगी। जिसके फलस्वरूप 27187 मेट्रिक टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा।
उत्तर मध्य रेलवे द्वारा ऊर्जा के गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों में से एक सौर ऊर्जा जिसकी कुल स्थापित क्षमता 12.47 MWp है द्वारा वर्ष 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में 9.75 मिलियन यूनिट सस्ती एवम पर्यावरण अनुकूल बिजली उत्तपन्न की गई। जिससे वर्ष 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में रु. 4.37 करोड़ के राजस्व की बचत हुई। जिसके फलस्वरूप वर्ष 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में 8192 मेट्रिक टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड का उत्सर्जन रोक गया।
उत्तर मध्य रेलवे ऊर्जा संरक्षण कि दिशा में निरंतर अग्रसर है
विगत दो वर्षों से उत्तर मध्य रेलवे, ऊर्जा संरक्षण के कार्य में अव्वल रहा है, जिसमें “जोनल रेल्वे केटेगरी” में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2023 का प्रथम पुरस्कार, “उत्तर प्रदेश ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2024” का प्रथम पुरस्कार एवम “बिल्डिंग केटेगरी” में सूबेदारगंज रेल्वे स्टेशन को “सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट” प्राप्त कर नया कीर्तिमान गढ़कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इन पुरस्कारों से ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में हमारे प्रयासों और कार्यों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है।
हरित ऊर्जा के कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा अनूप कुमार अग्रवाल प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर के नेतृत्व मे तथा कृष्ण मोहन सिंह मुख्य बिजली इंजीनियर/ बिजली ऊर्जा प्रबंधन एवं उनके सहयोगी प्रवीण नेवालकर वरिष्ठ इंजीनियर व चंदन भाई रावल कनिष्ठ इंजीनियर द्वारा पूरे मनोयोग एवं संकल्प के साथ पूरे उत्तर मध्य रेलवे मे कार्यान्वित की गई।
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