अधिकारियों ने अभिभावकों से अपील किया कि बच्चों को रोजाना स्कूल भेजें
चायल/कौशांबी। मंगलवार 1 जुलाई को एसडीएम चायल आकाश सिंह ने परिषदीय विद्यालय चायल, बीईओ चायल ने कंपोजिट विद्यालय चौराडीह में और बीडीओ चायल दिनेश चंद्र सिंह ने गिरिया पीएस में बच्चों को रोली चन्दन लगाकर स्वागत किया है। बीईओ चायल ने बताया कि चायल ब्लाक के सभी परिषदीय विद्यालयों में बच्चों का रोली चन्दन लगाकर स्वागत किया गया है।
उपजिलाधिकारी आकाश और बीईओ चायल और बीडीओ चायल दिनेश सिंह ने अभिभावकों से अपील किया कि बच्चों को रोजाना स्कूल भेजें। नियमित स्कूल आने से बच्चों का संपूर्ण विकास होता है। बच्चे जितना शिक्षक के संपर्क में रहेंगे उनमें उतना ही निखार आएगा।
गौरतलब हो कि परिषदीय स्कूलों में एक माह से भी अधिक समय का ग्रीष्मवकाश समाप्त हो गया। इसके साथ बच्चों की मस्ती का समय भी बीत गया और 1 जुलाई से विधिवत स्कूल भी खुल गए। पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चों का तिलक रोली चन्दन लगाकर स्वागत किया गया। परिषदीय विद्यालयों को इस दौरान गुब्बारों आदि से खूब सजाया गया था।
अब पढ़ाई के साथ-साथ स्कूलों में बच्चों की नामांकन संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। दूसरे चरण के तहत स्कूलों में स्कूल चलो अभियान शुरू हो गया है। स्कूल पहुंचने पर पहले दिन बच्चों का जोरदार स्वागत भी किया गया।
एक अप्रैल से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो गई थी। इसके साथ ही स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए गांवों में स्कूल चलो अभियान के तहत कई रैलियां निकाली गईं। इसके बाद 20 मई से स्कूलों में ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया। अब स्कूल खुलने के बाद स्कूल चलो अभियान के तहत दूसरे चरण की कवायद शुरू कर दी गई है।ग्रीष्मावकाश 15 जून को ही समाप्त हो गया, लेकिन गर्मी के कारण बच्चों की छुट्टी 30 जून तक बढ़ा दी गई थी, लेकिन इस अवधि में शिक्षक विद्यालयों में पहुंचकर जरूरी काम निबटा रहे थे।स्कूल खुलने पर विद्यालयों में बच्चों के आने पर चहल-पहल बढ़ गई।इसी के साथ स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण भी शुरू हो जाएगा। जिसके तहत बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन कराने पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान जागरूकता रैलियां आयोजित होंगी। साथ ही शिक्षक भी अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे।
बीईओ चायल ने सभी शिक्षकों से अपील किया है कि वे पूर्ण निष्ठा और समयबद्धता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। साथ ही, अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें।
