गुरुवार को सुप्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर देगीं अपनी प्रस्तुति देंगी
त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। लोक संगीत के भाव और लोकनृत्य प्रस्तुतियों से संजोए गए तो लोक गीतों के सुरों से पवित्र संगम की रेती पर बने कलाग्राम की तीसरी शाम निखर उठी। मटकी नृत्य की थिरकन मिली तो लोकनृत्यों के इंद्रधनुषी रंग भी दर्शकों के जेहनोदिल में खूब चटक हुए। कड़ाके की ठंड भी दर्शकों के उत्साह को कम नहीं किया। मौका था कलाग्राम में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित संस्कृतिक कुंभ की जहां विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपने-अपने अंचल की सांस्कृतिक प्रस्तुति के जरिए देश की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत का भी दर्शन करा रहे हैं।
सेक्टर 7 में स्थित कलाग्राम के भव्य मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत झारखंड के छाऊ नृत्य से हुई। इसके बाद उत्तराखंड से आए भगत सिंह राणा एवं दल ने प्रसिद्ध लोक नृत्य हारुल नृत्य की पूरे उत्साह और जोश के साथ प्रस्तुती दी। म.प्र. से आए डॉ. विजय चौरसिया और साथी कलाकारों द्वारा रीना शैला नृत्य, चंदन सिंह एवं दल द्वारा छपेली नृत्य, सपना गौतम एवं दल ने पाणी को मन्नै प्यादे ने में कद का मरुं रे रसिया गीत पर घूमर, पनिहारी नृत्य तथा महेश नागर द्वारा म्हार मनडा में नाचे मोर चलो सखियां खेलगां तथा म्हारे चूडो चमके म्हारी नथ झलके गीतों पर मटकी नृत्य की प्रस्तुति पर दर्शक झूमते रहे। उकाराम परिहार द्वारा बालातरा नृत्य तथा रत्नेश राणा द्वारा थारू नृत्य की प्रस्तुति को लोगों ने खूब सराहा। सांस्कृतिक संध्या में गुरुवार को सुप्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर अपनी प्रस्तुति देंगी।
विभिन्न व्यंजनों का भी ले सकेंगें लुफ्त- कलाग्राम में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों एवं व्यंजनकारों ने अपने स्टाल लगाए हैं। कलाग्राम में आने वाले लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विविध प्रकार के व्यंजनों का भी स्वाद ले सकेंगे।