गंगा पंडाल में मणिपुर, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के कलाकारों का अनोखा संगम।

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महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 के अवसर पर सेक्टर 1 स्थित परेड मैदान में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित गंगा पंडाल के सांस्कृतिक मंच पर विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपने शास्त्रीय और लोक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस अनोखे कार्यक्रम में मणिपुर, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के सांस्कृतिक धरोहर की झलक देखने को मिली।

कार्यक्रम की शुरुआत पश्चिम बंगाल की प्रख्यात बाउल गायिका पार्वती बाउल और उनके दल द्वारा बाउल गीतों की प्रस्तुति से हुई। पारंपरिक गीतों की मधुर धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पार्वती बाउल की प्रस्तुति में बंगाल की सांस्कृतिक समृद्धि की झलक दिखी, जिसने हर श्रोता को भावविभोर कर दिया।

इसके बाद, जवाहरलाल नेहरू मणिपुर डांस अकादमी के कलाकारों ने मंच संभाला। उन्होंने मणिपुर के प्रसिद्ध लोकनृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक लाल हरोबा नृत्य से हुई, जिसके बाद ढोल चोलम ने दर्शकों को मणिपुरी ताल और ऊर्जा का अनोखा अनुभव कराया। काबूई जागोई, पुंग चोलम और वसंता रास जैसे नृत्य दर्शकों को मणिपुरी संस्कृति की विविधता से परिचित कराते हुए कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे।

 

 

कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के जाने-माने कलाकार पंडित विनायक तोरवी ने दी। उन्होंने राग पुरिया धनश्री में आलाप से शुरुआत की और तुलसीदास द्वारा रचित “रघुवर तुमको मेरी लाज” गीत से श्रोताओं को भावविभोर किया। समापन में “खेलत है गिरिधारी” की प्रस्तुति ने पूरे माहौल को भक्तिमय और रोमांचक बना दिया।

इस आयोजन में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम अधिशासी कमलेश कुमार पाठक, नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष यादव, संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार गौरी बसु, पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के उप निदेशक तापस और उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की हिमानी रावत उपस्थित रहीं। मंच संचालन वंदना शुक्ला ने किया।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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