शिवम् मिश्रा की रिपोर्ट
कौशांबी। केपीएस भरवारी की टीम ने ‘100 डेज़ गोल्डन फेस’ कार्यक्रम के अंतर्गत डायरेक्टर सीमा पवार के नेतृत्व में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कक्षाओं की छात्राओं के घर जाकर उनकी शैक्षणिक प्रगति और पढ़ाई का हालचाल लिया। इस विशेष पहल का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक स्तर को सुधारना और उनके माता-पिता के साथ संवाद स्थापित करना था।
टीम ने माता-पिता के साथ सीबीएसई बोर्ड परीक्षा की रणनीति पर भी चर्चा की। अभिभावकों को यह बताया गया कि परीक्षा के लिए छात्रों को सही मार्गदर्शन और सकारात्मक माहौल प्रदान करना कितना महत्वपूर्ण है।
विजिट की सबसे खास बात यह रही कि स्वयं डायरेक्टर सीमा पवार, इस टीम का नेतृत्व करते हुए छात्राओं के परिवारों से मिलने पहुंचीं। उनकी उपस्थिति ने छात्रों और अभिभावकों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
टीम ने प्रत्येक परिवार के साथ संवाद किया और छात्राओं की पढ़ाई से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। माता-पिता ने अपनी बच्चों के शैक्षणिक विकास के प्रति स्कूल की कोशिशों की प्रशंसा की और अपने सुझाव भी दिए। इसके साथ ही,विद्यार्थियों और उनके परिवारों को स्कूल की ओर से नए साल का कैलेंडर भेंट किया गया और शुभकामनाएं दी गईं।
‘100 डेज़ गोल्डन फेस’ कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए 100 दिनों तक विशेष प्रयास करना है। इस विजिट के माध्यम से स्कूल ने न केवल छात्रों की पढ़ाई का जायजा लिया, बल्कि उनके जीवन के अन्य पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया।
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन निवर्तमान विधायक श्री संजय कुमार गुप्ता ने संदेश दिया, “आगामी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा छात्रों के भविष्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमारा यह प्रयास छात्रों को हर संभव सहायता और प्रेरणा प्रदान करने के लिए है। ‘100 डेज़ गोल्डन फेस’ कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर छात्र अपनी पूरी क्षमता के साथ परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करे।”
डायरेक्टर मैम ने इस अवसर पर कहा, “हमारे स्कूल की सबसे बड़ी प्राथमिकता छात्रों का सर्वांगीण विकास है। इस पहल के जरिए हम न केवल उनकी पढ़ाई की स्थिति को समझ पा रहे हैं, बल्कि उनके परिवारों के साथ मजबूत जुड़ाव भी बना रहे हैं।”
केपीएस भरवारी की इस पहल ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा केवल एक कक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसमें स्कूल, माता-पिता और समाज का योगदान अनिवार्य है। इस प्रयास से छात्रों और अभिभावकों के बीच विश्वास और सहयोग का एक मजबूत पुल बना है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की ओर अग्रसर है।
इस अवसर पर दीपक खरवार, शशांक श्रीवास्तव, वीर प्रताप सिंह, सौरभ सिंह आदि शिक्षक मौजूद रहे।