कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीज उद्यमियों संग की बैठक, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम।

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न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी)

लखनऊ।  प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को विधान भवन के समिति कक्ष संख्या-08 में बीज प्रसंस्करण उद्यमियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर प्रस्तावित चौधरी चरण सिंह बीज पार्क की रूपरेखा प्रस्तुत की गई और नियमों, शर्तों एवं सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में 35 बीज कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाएं भी साझा कीं।

श्री शाही ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश में पहला बीज पार्क स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पार्क प्रदेश को बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाएगा। उद्यमियों के सुझावों को सम्मिलित करते हुए योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह बीज पार्क लखनऊ जनपद के मालिहाबाद क्षेत्र स्थित अटारी, नवबस्ता एवं सुरती खेड़ा गांवों में कुल 130.63 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जा रहा है। यह भूमि राज्य कृषि फार्म के अंतर्गत आती है। इस पार्क में कुल 26 औद्योगिक भूखंड विकसित किए जाएंगे, जो विभिन्न आकारों में होंगे और उन्हें 30 वर्ष की लीज पर, 90 वर्ष तक बढ़ाई जा सकने की सुविधा के साथ, बीज उत्पादन से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित किया जाएगा।

बीज पार्क में आंतरिक सड़कों, विद्युत, जल, सीवरेज, प्रशासनिक भवन, प्रशिक्षण हॉल, बीज प्रयोगशाला, परीक्षण एवं भंडारण की साझा सुविधाएं, गेस्ट हाउस और हरित क्षेत्र जैसी अधोसंरचनाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही आईसीएआर तथा कृषि विश्वविद्यालयों को ज्ञान भागीदार के रूप में जोड़ा जाएगा तथा राष्ट्रीय शोध संस्थानों से तकनीकी मार्गदर्शन और परीक्षण सहयोग लिया जाएगा।

बीज पार्क में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसमें भूमि पंजीकरण पर 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क माफी, बीज इकाइयों को पूंजीगत सब्सिडी (अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक) और हाइब्रिड लैब, स्पीड ब्रीडिंग व बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु 50 प्रतिशत अनुदान (5 करोड़ रुपये तक) शामिल है। साथ ही, बीज प्रसंस्करण इकाइयों को 10 वर्षों के लिए बिजली शुल्क में पूरी छूट दी जाएगी, जिसकी प्रतिपूर्ति कृषि विभाग द्वारा यूपीपीसीएल को की जाएगी।

भूखंडों का आवंटन पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इसके अंतर्गत आरंभिक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, फिर रिवर्स ऑक्शन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें आधार मूल्य सर्किल रेट एवं विकास लागत का 75 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। उच्चतम बोलीदाता का चयन होने पर पात्रता की जांच के उपरांत 30 वर्ष के लिए लीज समझौता किया जाएगा, जिसे 90 वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।

राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास कर रही है। यह बीज पार्क उन्हीं प्रयासों की एक बड़ी कड़ी है, जिससे प्रदेश में बीज उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण और निर्यात को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि यह बीज पार्क उत्तर भारत के किसानों के लिए नवाचार, गुणवत्ता और प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा। इससे प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

बैठक में प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र, सचिव कृषि इंद्र विक्रम सिंह, सचिव कृषि ओपी वर्मा, निदेशक कृषि डॉ पंकज कुमार त्रिपाठी सहित विभागीय अधिकारीगण, बीज उद्योग से जुड़े निवेशक व प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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