त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूपी एसडीएमए) ने आज दिनांक 04 जनवरी 2025 को जनपद प्रयागराज में एक दिवसीय आपातकालीन प्रतिक्रिया अभ्यास सफलतापूर्वक आयोजित किया। तीन सत्रों में आयोजित इस अभ्यास को विभिन्न आपदाओं जैसे डुबना, भगदड़, अग्निदुर्घटना, नाव दुर्घटना और बड़ी सार्वजनिक सभाओं के दौरान संभावित संकटों से निपटने, रेलवे स्टेशनों और नियंत्रण केंद्रों की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत 09:30 बजे यूपी एसडीएमए द्वारा प्रारंभिक ब्रीफिंग के साथ हुई। पहले सत्र में घाटों, मंदिरों, पंटून पुलों और रेलवे स्टेशनों जैसे संवेदनशील स्थानों पर आपातकालीन परिदृश्यों पर अभ्यास किया गया। डूबने, भगदड़, आग के खतरे और नाव पलटने जैसी गंभीर घटनाओं पर सेक्टर 15, सेक्टर 22 और सेक्टर 25 सहित निर्दिष्ट क्षेत्रों ने प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दोपहर में आयोजित दूसरे सत्र में पार्किंग और होल्डिंग क्षेत्रों, प्रमुख सड़कों और रेलवे स्टेशनों में आपात स्थितियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। परिदृश्यों में आईईआरटी पार्किंग, सिविल लाइंस बस स्टेशन और प्रयाग जंक्शन जैसे उच्च-यातायात स्थानों पर अग्नि दुर्घटनाएं और भगदड़ शामिल थीं।
रात के दौरान आयोजित तीसरे सत्र में मेला सेक्टर 17, सेक्टर 19 और प्रयागराज जंक्शन और झूंसी जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों सहित प्रमुख क्षेत्रों में भगदड़, आग के खतरे और डूबने की घटनाओं के लिए प्रतिक्रिया तंत्र का परीक्षण किया गया।
घटना कमान और नियंत्रण केंद्रों (ICCC) ने पूरे अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्थितियों की वास्तविक समय की निगरानी, विश्लेषण और विभागीय समन्वय संभव हुआ।
एक्सरसाइज़ में मेला प्रशासन, सभी सेक्टर अधिकारी, पुलिस, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, यातायात पुलिस, रेलवे, यूपीएसआरटीसी, जिला प्रशासन के अन्य लाइन विभाग यथा-स्वास्थ्य, बिजली, जल, परिवहन, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, जल पुलिस, रेडियो पुलिस के साथ एन०डी०आर०एफ०, एस०डी०आर०एफ० ने प्रतिभाग किया।
इस मॉक एक्सरसाइज़ में मेला क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन के दृष्टिकोण से सभी अतिसंवेदनशील स्थानों जैसे मंदिर, घाट, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन और पार्किंग तथा अन्य महत्वपूर्ण मार्ग एवं चौराहों पर अभ्यास किया गया। महाकुम्भ में शाही स्नान के दिन अत्यधिक भीड़ होने की संभावना रहती है, इस हेतु मॉक एक्सरसाइज़ का परिदृश्य मौनी अमावस्या रखा गया।
प्रत्येक सत्र के बाद ICCC कॉन्फ्रेंस हॉल, परेड, सेक्टर 2 में डीब्रीफिंग सत्रों के साथ अभ्यास का समापन हुआ। इन सत्रों में प्रतिक्रिया, रणनीतियों, एक्सरसाइज़ में कमियों की पहचान और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों का गहन विश्लेषण किया गया।
मॉक अभ्यास की मुख्य विशेषताएं
प्रयागराज में महत्वपूर्ण स्थानों पर 18 से अधिक परिदृश्यों पर मॉक एस्करसाइज़ किया गया।
कई क्षेत्रों, रेलवे स्टेशनों और नियंत्रण केंद्रों की भागीदारी रही। ICCC मेला मैदान, पुलिस लाइन और रेलवे नियंत्रण केंद्रों के बीच वास्तविक समय समन्वय देखा गया।
कानून प्रवर्तन, अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा टीमों और स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी रही
अभ्यास के समापन के समय प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी पी0वी0एस0एम0, ए0वी0एस0एम, वी0एस0एम0 (से.नि.) ने दिन एवं रात्रि के दौरान मेला क्षेत्र में उपस्थित होकर संचालित मॉक एक्सरसाइज़ संबंधी कार्यवाहियों का निरीक्षण भी किया। उपाध्यक्ष ने बताया कि बड़े पैमाने पर होने वाले आयोजनों के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में इस तरह के अभ्यासों के महत्व पर जोर दिया है। आज के अभ्यास ने आपदा की तैयारियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और आपात स्थितियों में तेजी से प्रतिक्रिया करने की हमारी क्षमता को उजागर किया है। मॉक अभ्यास के अनुभवों और विश्लेषण के आधार पर, आपदा प्रबंधन योजना में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। इसके अलावा, सभी संबंधित कर्मचारियों के लिए समय पर प्रशिक्षण सत्र और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली, भारत सरकार ले. जनरल सय्यद अता हसनैन पी0वी0एस0एम0, यू0वाई0एस0एम0, ए0वी0एस0एम, एस0एम0, वी0एस0एम0 (से.नि.) एवं कर्नल के० पी० सिंह, एडवाइज़र, कर्नल नदीम अरशद(से०नि०), वरिष्ठ सलाहकार, कर्नल ए०डी० माथुर (से.नि.) वरिष्ठ सलाहकार द्वारा विभिन्न सेक्टर में आयोजित मॉक एक्सरसाइज़ में स्थलीय निरीक्षण कर विभागीय कार्यवाही को सराहा गया।
जनपद प्रयागराज के अतिरिक्त जनपद वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, चित्रकूट, मथुरा एवं श्रावस्ती में भी डूबने की घटना, अग्निदुर्घटना, भगदड़ के संबंध में विभिन्न स्थानों पर मॉक एक्सरसाइज़ किया गया, जिसको ICCC वॉर रूम से मॉनीटरिंग की गई। इस दौरान भानु चंद्र गोस्वामी, आई0ए0एस0, राहत आयुक्त, जिलाधिकारी प्रयागराज रविन्द्र कुमार माँदड़, आई0ए0एस0 और प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राम केवल, आई0ए0एस0 उपस्थित रहें।