HMPV वायरस पहुंचा भारत मिले मामले कोई नया नहीं है वाइरस एक्सपर्ट का मानना गंभीर स्थिति की आशंका नहीं

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ATरिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्य प्रदेश
भारत में एक आठ और एक तीन महीने की बच्चियों में HMPV वायरस मिला है। यह चीन में फैला हुआ नया वायरस है। भारत में इस नए वायरस के ये पहले मामले हैं। भारत सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। इसके बाद सरकार ने कहा था देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है। ज़रूरी है कि हम इसके बारे में जाने और गलत जानकारियां फैलाने से बचें। इसलिए जानिए कि आखिर क्या है HMPV और अभी किस स्थिति में हैं हम दरअसल ह्युमन मेटान्यूमोवायरस या HMPV एक RNA वायरस है, जो फ्लू की तरह फैलता है। आमतौर पर यह खांसने या छींकने से निकलने वाली रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स से हवा के ज़रिए फैलता है। वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, वायरस से संक्रमित किसी चीज़ को छूने से भी यह फैल सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं। यह वायरस अक्सर सर्दी जैसे लक्षणों का कारण बनता है, जिनमें खांसी, बुखार, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं। यही वजह है कि कई लोग इसे सामान्य सर्दी समझने की गलती कर सकते हैं। कॉमन कोल्ड से अलग यह वायरस कई सीरियस हेल्थ कॉम्प्लीकेशन्स की वजह बन सकता है, जैसे ब्रोंकाइटिस निमोनिया और फाइब्रोसिस साथ ही फेफड़ों पर असर करने की वजह से यह गंभीर रूप ले सकता है। छोटे बच्चे, जिनकी इम्यूनिटी अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती है, उन्हें इससे थोड़ा ज़्यादा ख़तरा है। साथ ही, बुजुर्ग या वो लोग जो अस्थमा या COPD जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी रिस्क ज्यादा है। इस वायरस के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा या वैक्सीन विकसित नहीं की गई है। इससे बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति या अगर किसी को सर्दी ज़ुक़ाम है तो उससे दूरी बनाएं; खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रुमाल रखें, मास्क पहन कर रखें। हाथ धोते रहें और भीड़ में जाने से बचें। सोशल मीडिया में आपको चीन में गंभीर स्थिति देखने को मिल रही होगी, लेकिन न तो WHO और न ही चीन के CDC ने अब तक किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति की घोषणा की है।यह जान लीजिये कि यह कोविड-19 वाले ‘नोवेल’ SARS-CoV-2 वाइरस की तरह कोई नया वायरस नहीं है। यह कम से कम 60 साल पुराना वायरस है, और चीन के अलावा यह पहले और भी देशों में पाया जा चुका है।इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट देखने को नहीं मिला है, जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता है।भारत में इस नए वायरस का पहला मामला सामने आया बेंगलुरु में एक आठ महीने की बच्ची में। इसके बाद एक 3 महीने की बच्ची में भी HMPV संक्रमण मिला है।दिल्ली, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों ने वायरस से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए एडवाजरी जारी की है। एडवाइजरी में कुछ सावधानी बरतने की जानकारी दी गई है।भारत के डाइरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस डॉ. अतुल गोयल ने कहा है कि देश में इसे लेकर किसी गंभीर स्थिति की आशंका नहीं है। यहां पर मेटान्यूमोवायरस एक नॉर्मल रेस्पिरेटरी वायरस है। सर्दियों के मौसम में यह आम सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है, खासकर बच्चों और बज़ुर्गों में। इससे सावधानी बरतने में कोई नुक्सान नहीं है!

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