त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। बाघम्बरी गद्दी से निकल कर दिव्य भव्य प्रवेश यात्रा पहुंची महाकुंभ मेला क्षेत्र। नगर वासियों और मेला प्रशासन ने पुष्प वर्षा कर किया साधु संतों का स्वागत।
शनिवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी का महाकुंभ में दिव्य भव्य छावनी प्रवेश हुआ। अखाड़े का साधु संतों पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत और अभिनंदन किया गया।
आदि शंकराचार्य की प्रेरणा से 726 ईस्वी में स्थापित हुए श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े की महाकुंभ छावनी प्रवेश यात्रा का शुभारंभ बाघम्बरी गद्दी मठ से हुआ। सबसे आगे धर्म ध्वजा, अखाड़े का प्रतिनिधित्व करती हुई चल रही थी। उसके पीछे नागा संन्यासियों की टोली हाथों में चांदी के छत्र, छड़ियां, भाले और तलवार लेकर इष्ट देव भगवान कार्तिकेय की सवारी के साथ अगुवाई कर रही थी।
ईष्ट देव की सवारी के पीछे ढोल ताशे लाव- लश्कर के साथ हाथी, घोड़ो और ऊंट पर सवार नागा संन्यासियों का जत्था चल रहा था। जो सभी नगर वासियों के लिए दुर्लभ दर्शन और आकर्षण का केंद्र बना।