त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। महाकुंभ में आस्था और विश्वास की मजबूती का एक जीवंत उदाहरण हैं आह्वान अखाड़ा के इंद्र गिरी महाराज। वे शारीरिक रूप से चलने-फिरने में असमर्थ हैं और 24 घंटे ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं। फिर भी, उनकी आस्था इतनी प्रबल है कि वे महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे।
इंद्र गिरी महाराज ने कहा, “यह जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई परंपरा है और हम इसे निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मेरी अंतिम इच्छा है कि मैं शांतिपूर्वक कुंभ मेले में शामिल होऊं और अपने आश्रम वापस लौटूं।” उनके इन शब्दों में उनकी गहरी आस्था और कुंभ मेले की महत्ता झलकती है।
उनकी यात्रा आसान नहीं थी। उनकी स्थिति ऐसी है कि उनका शरीर हर समय ऑक्सीजन सिलेंडर से जुड़ा रहता है। इसके बावजूद उनके सहयोगियों और शिष्यों ने उन्हें कुंभ मेले में पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उनकी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि कुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हर हिंदू के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।