त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। देशभर के 250 प्रसिद्ध लेखकों की कृतियों को समेटे साहित्य भंडार का स्टॉल प्रयागराज पुस्तक मेले में आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। यहां ढाई सौ लेखकों की विभिन्न विधाओं की पुस्तकें मात्र ₹50 में उपलब्ध हैं।
स्टॉल के प्रतिनिधि सूर्यबली मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2014 में साहित्य भंडार की स्वर्ण जयंती पर प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह के सुझाव पर समाजसेवा के तहत महंगी किताबों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने की शुरुआत हुई थी। यह पहल 50 लेखकों की पुस्तकों से शुरू होकर अब 250 लेखकों की कृतियों तक पहुंच चुकी है।
मेले में पाठकों की रुचि प्रहलाद अग्रवाल की ‘हिंदी सिनेमा’ और डॉ. कृष्णानंद पांडेय की ‘प्रयागः कुंभ महापर्व’ जैसी किताबों में खास तौर पर देखी जा रही है। इसके अलावा सस्ता साहित्य मंडल नई दिल्ली के स्टॉल पर जवाहरलाल की ‘हिंदुस्तान की कहानी,’ भगवान सिंह की ‘अपने-अपने राम,’ और वियोगी हरि की ‘हमारी परंपरा’ जैसे उत्कृष्ट साहित्य भी पाठकों को आकर्षित कर रहे हैं। गांधी डायरी 2025 की भी विशेष मांग बनी हुई है।
सामाजिक पहल का संगम
पुस्तक मेले में रक्त संकल्प संस्था द्वारा एक शिविर लगाया गया है, जहां अब तक 40 से अधिक लोगों ने नियमित रक्तदान का संकल्प लिया है। एक दर्जन से अधिक लोगों ने संस्था से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है। कैंप प्रतिनिधि सुधीर केसरवानी ने बताया कि फॉर्म भरने के लिए डिजिटल बारकोड की सुविधा दी गई है।
पुस्तक मेले का महत्व और समृद्धता
फोर्सन बुक्स और बुकवाला के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस पुस्तक मेले के संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि मेला हर वर्ग के पाठकों के लिए कुछ विशेष लेकर आया है। सह-संयोजक मनीष गर्ग ने जानकारी दी कि यह मेला 30 दिसंबर 2024 तक चलेगा और इसमें प्रवेश पूरी तरह से निशुल्क है।
पुस्तक मेला न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर उभरा है। मेले में साहित्य, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों का संगम देखने को मिल रहा है।